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Google AI Risk : गूगल AI से नकली आधार–पैन तैयार, सुरक्षा पर उठे सवाल

प्रकाशित: 2025 — विषय: साइबर सुरक्षा, डिजिटल पहचान, AI नीति

Google AI Risk - नकली दस्तावेज़ से जुड़ा खतरा
डिजिटल तकनीक के बढ़ते दायरे में जनरेटिव AI टूल्स की क्षमताएँ तेज़ी से विकसित हो रही हैं। हालिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कुछ उपयोगकर्ता गूगल के AI टूल्स का दुरुपयोग कर नकली आधार और पैन कार्ड जैसे संवेदनशील सरकारी पहचान पत्र बहुत कम समय में बना रहे हैं। यह घटना न केवल व्यक्तिगत गोपनीयता के लिए खतरा है, बल्कि बैंकिंग, मोबाइल कनेक्शन व सरकारी सेवाओं के भरोसेमंद उपयोग पर भी गहरा असर डाल सकती है।

AI कैसे नकली दस्तावेज़ बना रहा है?

जनरेटिव इमेज और डॉक्यूमेंट टूल्स में उपयोगकर्ता साधारण भाषा में निर्देश दे कर फोटोरियलिस्टिक आउटपुट पा सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी ने कमांड दिया—“मेरा आधार कार्ड बनाओ” या “PAN कार्ड जेनरेट करो”—और सिस्टम कुछ सेकंड में वास्तविक जैसा दिखने वाला दस्तावेज़ तैयार कर देता है। यह प्रक्रिया टेक्स्ट-टू-इमेज और टेक्स्ट-टू-फॉर्मेट मॉडल की क्षमताओं पर आधारित है।

साइबर सुरक्षा और जोखिम के प्रमुख बिंदु

  • बैंकिंग धोखाधड़ी: नकली पहचान से ऋण या पैसे निकालना संभव हो सकता है।
  • सिम कार्ड एक्टिवेशन: मोबाइल नंबर हासिल कर OTP-आधारित सेवाओं तक पहुँच बनाना आसान हो सकता है।
  • ऑनलाइन KYC फेक: कई प्लेटफ़ॉर्म डॉक्यूमेंट-आधारित KYC पर निर्भर करते हैं।
  • लोन फ्रॉड और अवैध लेनदेन: फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर आर्थिक अपराध हो सकते हैं।

सरकार और नियामक कदम

सरकारी एजेंसियों ने इन रिपोर्ट्स का संज्ञान लेते हुए टेक्नोलॉजी प्रदाताओं से आग्रह किया है कि वे संवेदनशील दस्तावेज़ों के निर्माण पर रोकथाम करने के लिए कड़े मॉडरेशन और फिल्टर लागू करें। कई जगहों पर डिजिटल पहचान नीति की समीक्षा शुरू हो चुकी है।

गूगल की प्रतिक्रिया और सुरक्षा सुधार

गूगल ने कहा है कि कुछ टूल्स में जोखिमयुक्त आउटपुट आ सकता है और कंपनी संवेदनशील कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए नए सेफ्टी फिल्टर्स लगा रही है। साथ ही रिपोर्टिंग और मॉडरेशन चैनल्स को मजबूत करने की बात की जा रही है।

व्यवसाय और प्लेटफ़ॉर्म के लिए सिफारिशें

  • मल्टी-फैक्टर सत्यापन अपनाएँ — केवल डॉक्यूमेंट पर निर्भर न रहें।
  • इमेज-फोरेंसिक टूल्स से डॉक्यूमेंट की सच्चाई जाँचें।
  • संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन पर मानवीय सत्यापन लागू करें।
  • यूज़र-एडुकेशन पर जोर दें — व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

उपभोक्ता के लिए सलाह

अपने आधार, पैन और पहचान से जुड़ी फाइलें केवल भरोसेमंद चैनल पर रखें; OTP या पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें; और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत संबंधित संस्थान या साइबर हेल्पलाइन को सूचित करें।

जनरेटिव AI ने सुविधाएँ बढ़ाईं हैं पर साथ में नई जिम्मेदारियाँ भी आई हैं। टेक्नॉलॉजी प्रदाताओं, नियामकों और नागरिकों को मिलकर ऐसे उपाय लागू करने होंगे जो डिजिटल पहचान की अखंडता बनाए रखें और दुरुपयोग को रोकें।

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